बेंगलुरु में आज से कूड़ा उठाने वालों की फीस बढ़ी, बीजेपी ने की कांग्रेस सरकार की आलोचना

नई दिल्ली। बेंगलुरु में आज से कूड़ा उठाने वालों की फीस बढ़ गई है। पहले से ही बिजली, मेट्रो परिवहन और दूध के दामों में बढ़ोत्तरी से परेशान बेंगलुरु वासियों के लिए यह एक और झटका है। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने ‘कचरा उपकर’ लागू किया है, जिसके तहत हर महीने घरों, होटलों, कॉमर्शियल बिल्डिंगों का कचरा उठाने और उसके डिस्पोजल की लागत बढ़ाने का फैसला किया है। विभिन्न परिसरों के एरिया के मुताबिक उनसे डोमेस्टिक वेस्ट कलेक्शन और डिस्पोजल चार्ज वसूला जाएगा। वहीं बीजेपी ने ‘कचरा उपकर’ लागू करने के लिए सरकार की आलोचना की है।

बीबीएमपी के अनुसार, होटल पहले प्रति किलो कचरे के लिए 5 रुपये का भुगतान करते थे, अब उपकर को बढ़ाकर 12 रुपये कर दिया गया है। इसी तरह आवासीय भवनों के लिए उपकर की दर इमारत के वर्ग फुट में निर्धारित की गई है। 600 वर्ग फीट तक के भवन स्वामी से 10 रुपए प्रतिमाह और 600 वर्ग फीट से 1000 वर्ग फीट तक के भवनस्वामी से 50 रुपए प्रतिमाह गार्बेज चार्ज वसूला जाएगा। 1000-2000 वर्ग फीट तक की इमारतों को 100 रुपए प्रतिमाह और 2000-3000 वर्ग फीट तक की इमारतों को 150 रुपए प्रतिमाह देने होंगे। 3000-4000 वर्ग फीट तक की इमारतों के लिए 200 रुपए प्रतिमाह और 4000 वर्ग फीट से अधिक की इमारतों के लिए 400 रुपए प्रतिमाह वसूले जाएंगे। बीबीएमपी संपत्ति कर में सालाना कचरा कर का भुगतान करेगी। बीबीएमपी के नए फैसले से सालाना 600 करोड़ रुपए जुटाने की उम्मीद है।

उधर, कर्नाटक विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने इस कर को लेकर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि  क्या ‘सीएम की कुर्सी पाने’ के लिए यह टैक्स वसूला जा रहा है। सोशल मीडिया पोस्ट में अशोक ने लिखा, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार बेंगलुरू के कचरे का निपटान करने में विफल रही और सिलिकॉन सिटी को कचरा शहर में बदल दिया। ऐसा लगता है कि उन्होंने कचरा निपटान के नाम पर अपना खजाना भरने का फैसला किया है। डीके शिवकुमार ने पहले ब्रांड बेंगलुरु के नाम पर लूट की, अब वे कचरे के नाम पर भी लूट कर रहे हैं? क्या यह बिहार चुनाव का खर्च है या सीएम की कुर्सी पाने के लिए रिश्वत?

Related Articles

Back to top button