‘17 महीने से बकाया सैलरी दो’, दिल्ली वक्फ से जुड़े इमाम मांग करने पहुंचे अरविंद केजरीवाल के घर

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के वक्फ से जुड़े इमामों ने 17 महीने से बकाया अपनी तनख्वाह के लिए आवाज उठाई है। ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी के नेतृत्व में कई इमाम अपनी बकाया तनख्वाह की मांग को लेकर गुरुवार सुबह पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के आवास पहुंचे। मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि तनख्वाह न मिलने के कारण दिल्ली वक्फ से संबंधित 250 इमाम परेशान हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली वक्फ से जुड़े इमामों को हर महीने 18000 रुपए तनख्वाह मिलती है। इससे ज्यादा दिल्ली सरकार मजदूरी करने वालों को देती है।
दिल्ली में फरवरी 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं। अरविंद केजरीवाल ने वादा किया है कि अगर फिर दिल्ली में सरकार बनी, तो हर महिला को 2100 रुपए प्रति महीने दिए जाएंगे। 60 साल से ऊपर बुजुर्गों को भी मुफ्त इलाज की सुविधा देने वाली संजीवनी योजना का अरविंद केजरीवाल ने वादा किया है, लेकिन उनकी पार्टी की ही सरकार के दौर में वक्फ से जुड़े इमामों को बीते करीब डेढ़ साल से तनख्वाह नहीं मिल रही है। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में ये भी बड़ा मुद्दा बन सकता है। दिल्ली में 12 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। सीलमपुर, ओखला, जंगपुरा और मटिया महल सीटों पर मुस्लिम वोटर हार-जीत भी तय करते हैं। ऐसे में अगर इमामों ने इस मसले पर अपने तेवर सख्त किए, तो इससे आम आदमी पार्टी को इन सीटों पर दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
मुस्लिमों की बात करने वाली एआईएमआईएम के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी दिल्ली के विधानसभा चुनाव में 10 सीट पर प्रत्याशी उतारने का फैसला पहले ही कर रखा है। उन्होंने दिल्ली दंगों के आरोपी और आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को टिकट देने का एलान कर दिया है। इसके अलावा ओवैसी की पार्टी दिल्ली दंगों के एक और आरोपी शाहरुख पठान को भी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दे सकती है। वहीं, अरविंद केजरीवाल को लगातार बीजेपी और कांग्रेस भी घेर रही हैं। दोनों पार्टियों ने भ्रष्टाचार और महिला सम्मान योजना के मुद्दे उठाए हैं।